गणपति का चिंतन –वंदन हो
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वंदन का हेतु गीत (स्वरचित)
द्वारा अमित तिवारी ‘शुन्य’
क्या मेरी वाणी गा पाएगी तुझे ,
क्या मेरा मन भर पायेगा
खुद में तुझे ,
न शिव के लाला I
न शिव के लाला I
मैं मतवाला भूल न
पायुं तुझे,
अब दर्शन दे दो, दे दो गजानन मुझे,
तेरी मंगल काया ,मैं देख न पायु तुझे,
कब दरसन दोगे, हे नाथ गणपति मुझे,
तो दे अब दरसन मुक्त करो भव से मुझे,
हे शिव के लाला I
मैं दीन पुकारूँ नित्य तुझे,
अब दरसन दे दो, दे दो गजानन मुझे,
स्वरचित वंदन गीत – अमित तिवारी ‘शून्य’